RAJYA SABHA
FACE RECOGNITION TECHNOLOGY
FOR PENSIONERS पेंशनभोगियों के लिए फेस रेकग्निशन की तकनीक
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PENSION AND PENSIONERS’ WELFARE)
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO.
1400
(TO BE ANSWERED ON 28.07.2022)
FACE RECOGNITION TECHNOLOGY FOR PENSIONERS
1400 SHRI KANAKAMEDALA RAVINDRA KUMAR:
Will the PRIME MINISTER be pleased to state:
(a) whether Government with a view to provide
‘ease of living’ to pensioners across the country has introduced face
recognition technology for them to give “Life Certificate’;
(b) if so, the details thereof;
(c) whether Government has come across any
instances of hardship faced by pensioners while availing this technology in
submitting “Life Certificate’ for availing pension; and
(d) if so, the details thereof?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL,
PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S
OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)
(a): Yes Sir. The Government has introduced
Face Authentication Technology to submit ‘Life Certificate’ by Pensioners
through the Jeevan Pramaan App with a view to enhance ‘ease of living’ for
pensioners.
(b): Face Authentication Technology was
launched by the Government on 29th November 2021 with a view to enhance ease of
submission of Digital Life Certificate by pensioners. Department of Pension and
Pensioners’ Welfare had collaborated with NIC, Ministry of Electronics and
Information Technology (Meity) and UIDAI to utilize the ‘Face-Authentication
Technology’ based on UIDAI Aadhaar software, for submission of digital life
certificate by the Pensioners/Family Pensioners. As per this facility, the
identity of a person is established through face authentication technique and
it is now possible to submit Life Certificate using the Jeevan Pramaan App from
any Android based smart phone and the Digital Life Certificate gets generated.
(c) & (d): The Government has not come
across any instances of hardship faced by pensioners while availing this
technology in submitting ‘Life Certificate’ for availing pension.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग
राज्यसभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 1400
(दिनांक
28.07.2022 को उत्तर देने के लिए)
पेंशनभोगियों के लिए फेस रेकग्निशन की तकनीक
1400 श्री कनकमेदला रवींद्र कुमार:
क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या सरकार ने देश भर में पेंशनभोगियों को ‘जीवन की सुगमता’ प्रदान करने की दृष्टि से ‘जीवन प्रमाणपत्र” प्रदान करने के लिए चेहरा पहचानने (फेस रैकग्निशन) की तकनीक शुरू की है;
(ख) यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा कया है;
(ग) क्या सरकार को पेशनभोगियों द्वारा पेंशन प्राप्त करने के लिए ‘जीवन प्रमाण पत्र” प्रस्तुत करने में इस तकनीक का लाभ उठाने के दौरान उनके सामने आने वाली कठिनाइयों का कोई उदाहरण मिला है;
(घ) यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
उत्तर
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री
(डा. जितेंद्र सिंह)
(क) जी हां महोदय, सरकार ने पेंशनभोगियों को ‘जीवन की सुगमता’ प्रदान करने की दृष्टि से जीवन प्रमाण ऐप के माध्यम से पेंशनभोगियों द्वारा ‘जीवन प्रमाणपत्र’ प्रस्तुत करने के लिए फेस ऑर्थटिकेशन तकनीक’ शुरू की है।
(ख) पेंशनभोगियों द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 29 नवंबर, 2021 को सरकार द्वारा फेस ऑर्थेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया गया। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एनआईसी, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय और यूआइईडीएआई के साथ मिलत्रकर पेंशनभोगियों/कुट्रंब पेंशनभोगियों द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए युआइंडीएआई आधार सॉफटवेयर पर आधारित “फेस अऑर्थीटिकेशन तकनीक” का उपयोग किया है। इस सुविधा के अनुसार, फेस ऑर्थीटिकेशन के माध्यम से किसी
व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है और किसी भी एंड्राइड आधारित स्मार्ट फोन से जीवन प्रमाण ऐप का प्रयोग करके जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जा सकता है ओर डीएलसी जेनरेट हो जाएगी।
(ग) और (घ) सरकार को पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन प्राप्त करने के लिए जीवन प्रमाणपत्र’ प्रस्तुत करने में इस तकनीक का लाभ उठाने के दौरान, पेंशनभोगियों द्वारा किसी प्रकार की कठिनाई का सामना किए जाने की कोई सूचना नहीं मिली है।
***
Source:
Rajya Sabha PDF
No comments:
Post a Comment