एनपीएस से एकमुश्त
रकम निकाल सकेंगे इन्वेस्टर्स
नई दिल्ली।। पेंशन फंड रेग्युलेटर पीएफआरडीए ने न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के इनवेस्टर्स को एक्जिट के समय एकमुश्त रकम निकालने की इजाजत दे दी है। अभी इनवेस्टर्स को हर साल 'फेज्ड विदड्रावल' यानी चरणबद्ध तरीके से निकासी करने की इजाजत है।
पेंशन फंड रेग्युलेटर ने कहा है, 'पीएफआरडीए को कई शेयरहोल्डर्स से मिले फीडबैक के बाद पुराने सिस्टम फेज्ड विदड्रावल की जगह डेफर्ड विदड्रावल को अपनाने पर सहमति बनी है।' स्टेकहोल्डर्स ने पीएफआरडीए को बताया कि सब्सक्राइबर्स को एनपीएस से एक्जिट के समय एकमुश्त (अधिकतम 60 फीसदी) रकम की निकासी की इजाजत दी जानी चाहिए। सब्सक्राइबर्स को हर साल कुछ-कुछ निकास करने की इजाजत देने की जगह नया विकल्प ज्यादा बेहतर है।
पीएफआरडीए के अनुसार, डेफर्ड विदड्रावल फैसिलिटी के तहत सब्सक्राइबर्स को एनपीएस से एक्जिट के समय एकमुश्त विदड्रावल और एनपीएस में बने रहने का विकल्प मिलेगा। हालांकि, सब्सक्राइबर्स नया निवेश नहीं कर पाएंगे और न ही वे डेफरमेंट की अवधि के दौरान कोई पार्शियल विदड्रावल नहीं कर सकेंगे। सब्सक्राइबर विदड्रावल एप्लिकेशन या नोटिस देकर 70 साल की उम्र से पहले किसी भी समय डेफर्ड एकमुश्त रकम की निकासी कर सकते हैं। अगर सब्सक्राइबर्स 70 साल की उम्र पूरी होने तक कोई नोटिस नहीं देते हैं, तब पेंशन वेल्थ का पूरा हिस्सा अपने आप ही उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।
इस
साल 2 मार्च को
एनपीएस का पूरा
कॉपर्स 28,400 करोड़ रुपए
से अधिक हो
गया है। इस
समय इसके साथ
44.93 लाख सब्सक्राइबर जुड़े
हैं। इनमें से
करीब 2 लाख सब्सक्राइबर्स
प्राइवेट
सेक्टर और 27 लाख
सेंट्रल/स्टेट गवर्नमेंट
से जुड़े हैं।
इसके लिए 15.79 लाख
सब्सक्राइबर्स
एनपीएस-लाइट से
जुड़े हैं। इसे
अल्ट्रा-लो एडमिनिस्ट्रेटिव
और ट्रांजैक्शनल कॉस्ट के
लिहाज से डिजाइन
किया गया है।
एनपीएस पेंशन फंड
रेग्युलेटरी
ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी
(पीएफआरडीए)
का प्रयास है।
पीएफआरडीए
सरकार द्वारा स्थापित
सबसे बड़ी संस्था
है, जो पेंशन
सेक्टर को रेग्युलेट
और डिवेलप करती
है। एनपीएस को
1 मई 2009 से सभी
नागरिकों
के लिए भी
खोल दिया गया
है।
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